Wednesday, April 27, 2011

जानने वाला समझ गया...!!!

दरअसल हम जब भी कुछ नया करने की सोचते हैं किस्मत हमारे सामने कुछ ऐसे सवाल ले आती है की हमें वापस उस पुराने को ही नए जैसा करके काम चलाना पड़ता है...
पर जब इस जुगरतान में लगे रहते हैं की वो पुराना फिर से जुड़ तुद के नया हो जाए हम यह भूल जाते हैं की  जो नए विचार हमने उस काम को करने के लिए अपने मन में सोच रखे थे वो धीरे धीरे उसी पुराने के साथ मर जाते हैं और जब भी कभी हम उस स्तिथि में पड़ते हैं तोह बस उसी पुराने ढर्रे पर चलकर अपना सृजनात्मक रव्वैया खो देते हैं और अपनी अलग पहचान बना पाने में अक्षम हो जाते हैं...!!!

No comments:

Post a Comment